बिहार में चमकी  बुखार चलते  अब तक 105 की मौत 

चमकी बुखार के लक्षण 

15 वर्ष तक की आयु वालों बच्चों को ये बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में तेज बुखार ,उल्टी - दस्त ,बेहोशी और शरीर के अंगों को रूक-रूक  कंपन (चमकी) होना 

बुखार का कारण

चमकी बुखार का  मुख्य कारण  बहुत अधिक धुप वा हुमिनिटी  कम  होना होता है जिससे बच्चों के ख़ून में ग़ुलूकोज़ की मात्रा कम हों जाती हैं जो की हमरे मस्तिक का खाना माना जाता है  जिसे बच्चों को  काई अन्या प्रकर की  दिकात हों जातीं हैं जैंसे की उल्टी ,दस्त  होने लगती है | 



बिहार में चमकी बुखार का मुख्य कारण लिची माना जा रहा हैं जो की कुछ हाद तक सही भी हैं क्युकि  लिंची में ऎसे रसायन तत्व पाया जाता है जो की हामरे  खुन में पानी की कभी  कर देता हैं ये अभी तक पाता नहीं लगया गया है की वह कितनी मात्रा होनी चाहिए। 
     बिहार में अधिक उमस व भरी गर्मी के चलते बीच मुज़फ्पफरपुर और उसके आसपास के इलाको में चमकी बुखार के चलते ३० दिन के अन्दर अब तक १०५ बच्चों की मौत  हो चूकी हैं बिहार में चमकी बुखार का मुख्य कारण बच्चों का धूप में बहार घूमना ,शाम का खाना ना खाना होता है जिसे ख़ून में ग़ुलूकोज़ की कामी हो जाती हैं | 

उपचार 

अभी तक इसका कोइ सही उपचार नहीं मिला हैं बुख़ार के आभास होतें ही बच्चों को अस्पातल लिबा कर जाए | 
और बच्चौं को ज़्यादा उमस मे बाहर ना भेंजे , समय में खाना खिलाए ओर  ध्यन दें की अपके बच्चों में ग़ुलूकोज़ कि कामी न हो।  


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